दृश्य श्रीमान ओम शंकर दुवे जी विवाह का | हमारी परम्परा में विवाह एक महत्त्वपूर्ण संस्कार है । लड़का हो अथवा लड़की , दोनों की ही शादी यथा सम्भव धूमधाम से सम्पन्न होती है । प्रत्येक माता - पिता यथा शक्ति और कभी - कभी सीमा से बाहर जाकर भी खर्च करते हैं । नव्यता और भव्यता आज के समाज का अभिन्न अंग हैं । इसलिए विवाह शादियों में शान - शौकत का प्रदर्शन और तड़क - भड़क खूब रहती हैं । पिछले सप्ताह मुझे एक परिचित की शादी में जाने का अवसर मिला वर्धमान पश्चिम बंगाल कोलकता के भी मित्र साथ थे । विवाह स्थल वर्धमान मेरेज हाल था कोलकाता दिल्ली उच्य राज्य मार्ग के निकट व्यवस्थित , आकर्षित पार्क था । पूरे पार्क में लम्बा - चौड़ा पण्डाल सजा था । विवाह स्थल के मुख्य द्वार को किले का रूप दिया गया था । द्वार के बाहर वारिश की भीनी - भीनी बूंदें भी बरस रही थीं । पंडाल में कालीन बिछे हुए थे । गोल ...