Nss के युवा सात दिवसीय दौरे पर चीन गये युवाओं का दल। ग्रेट वॉल, फ़ॉरबिडन सिटी समेत कई स्थलों का भ्रमण कर चुके हैं भारतीय प्रतिनिधि
सात
दिवसीय दौरे पर चीन गये दो सौ भारतीय युवाओं का दल। ग्रेट वॉल, फ़ॉरबिडन
सिटी समेत कई स्थलों का भ्रमण कर चुके हैं भारतीय प्रतिनिधि
सात दिवसीय दौरे पर चीन पहुँचे भारतीय युवा अब तक चीन की राजधानी बीजिंग के अलावा खुनमिंग, वूहान आदि शहरों का दौरा कर चुके हैं। इसके बाद ये प्रतिनिधि शंघाई, गुआंगचो भी जाएँगे। इससे पहले दल के सदस्यों ने पीकिंग यूनिवर्सिटी, चायनीज़ शेयरिंग बाइक ओफो और ग्रेट वॉल अॉफ चाइना का दौरा किया। भारत के तमाम क्षेत्रों से चीन आए युवाओं ने चीन की महान दीवार का दीदार किया। किताबों के माध्यम से ग्रेट वॉल के बारे में पढ़ चुके युवा जब इस दीवार पर पहुँचे तो उनकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।
इससे पहले युवाओं को शेयरिंग बाइक कम्पनी ओफो के मुख्यालय ले जाया गया। जहाँ उन्हें ओफो की स्थापना से लेकर तकनीक आदि के बारे विस्तार से जानकारी दी गयी। उत्साही युवाओं ने सायकिल की सवारी भी की और कहा कि भारत में भी इस तरह की शेयरिंग बाइक्स चलाने की ज़रूरत है। हालाँकि इंडिया में कुछ शहरों में इस तरह की बाइक चल रही हैं। अन्य युवाओं को भी चीनी परिवहन व्यवस्था बहुत अच्छी लगी। उन्होंने कहा कि भारत में भी इस तरह के सिस्टम की आवश्यकता है। हम अपनी ओर से इस दिशा में कोशिश करेंगे।इसके बाद युवाओं के दल का एक समूह वूहान पहुँचा। जबकि दूसरे सौ सदस्य खुनमिंग गए। वूहान पहुँचे दल ने चीनी प्राचीन संगीत का आनंद लिया। इसके साथ ही युवा उस ऐतिहासिक ईस्ट लेक भी गए, जहाँ अप्रैल महीने में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने शिप पर बैठकर बातचीत की थी और चीनी चाय का आनंद लिया था। इसके अलावा युवा चीनी क्रांति के महानायक और चेयरमैन माओ लेक रिज़ॉर्ट भी गए। इस जगह पर माओ के जीवन से जुड़ी तमाम चीज़ें सहेज कर रखी गयी हैं। यहाँ पर युवाओं को माओ के जीवन से जुड़ी बहुत जानकरियाँ हासिल हुई।
चीनी और भारतीय युवा के बीच “सिमुलेशन वार्ता”आयोजित
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत अप्रैल महीने के अंत में मध्य चीन के हूपेई प्रांत की राजधानी वूहान में अनौपचारिक वार्ता की। उनकी मुलाकात की भावना से और अच्छी तरह सीखने के लिए चीन की यात्रा पर गये भारतीय युवा प्रतिनिधियों ने 7 जुलाई को वूहान स्पोर्ट्स कॉलेज में चीनी युवाओं और विद्यार्थियों के साथ“सिमुलेशन वार्ता”की। दोनों देशों के युवाओं ने चीन-भारत संबंध और दोनों देशों के बीच पारंपरिक मैत्री को आगे बढ़ाने आदि विषयों पर गहन रूप से विचार विमर्श कियासात दिवसीय दौरे पर चीन पहुँचे भारतीय युवा अब तक चीन की राजधानी बीजिंग के अलावा खुनमिंग, वूहान आदि शहरों का दौरा कर चुके हैं। इसके बाद ये प्रतिनिधि शंघाई, गुआंगचो भी जाएँगे। इससे पहले दल के सदस्यों ने पीकिंग यूनिवर्सिटी, चायनीज़ शेयरिंग बाइक ओफो और ग्रेट वॉल अॉफ चाइना का दौरा किया। भारत के तमाम क्षेत्रों से चीन आए युवाओं ने चीन की महान दीवार का दीदार किया। किताबों के माध्यम से ग्रेट वॉल के बारे में पढ़ चुके युवा जब इस दीवार पर पहुँचे तो उनकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।
इससे पहले युवाओं को शेयरिंग बाइक कम्पनी ओफो के मुख्यालय ले जाया गया। जहाँ उन्हें ओफो की स्थापना से लेकर तकनीक आदि के बारे विस्तार से जानकारी दी गयी। उत्साही युवाओं ने सायकिल की सवारी भी की और कहा कि भारत में भी इस तरह की शेयरिंग बाइक्स चलाने की ज़रूरत है। हालाँकि इंडिया में कुछ शहरों में इस तरह की बाइक चल रही हैं। अन्य युवाओं को भी चीनी परिवहन व्यवस्था बहुत अच्छी लगी। उन्होंने कहा कि भारत में भी इस तरह के सिस्टम की आवश्यकता है। हम अपनी ओर से इस दिशा में कोशिश करेंगे।इसके बाद युवाओं के दल का एक समूह वूहान पहुँचा। जबकि दूसरे सौ सदस्य खुनमिंग गए। वूहान पहुँचे दल ने चीनी प्राचीन संगीत का आनंद लिया। इसके साथ ही युवा उस ऐतिहासिक ईस्ट लेक भी गए, जहाँ अप्रैल महीने में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने शिप पर बैठकर बातचीत की थी और चीनी चाय का आनंद लिया था। इसके अलावा युवा चीनी क्रांति के महानायक और चेयरमैन माओ लेक रिज़ॉर्ट भी गए। इस जगह पर माओ के जीवन से जुड़ी तमाम चीज़ें सहेज कर रखी गयी हैं। यहाँ पर युवाओं को माओ के जीवन से जुड़ी बहुत जानकरियाँ हासिल हुई।
वहीं युवा प्रतिनिधियों ने वूहान स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और स्पोर्ट्स कॉलेज का दौरा भी किया। इस दौरान युवाओं ने स्पोर्ट्स कॉलेज में कई चीनी छात्रों से मुलाक़ात की। साथ ही उन्हें बताया गया क किस तरह चीन स्पोर्ट्स के क्षेत्र में इतना अच्छा प्रदर्शन करता है। अकेले वूहान के एथलीटों ने इंटर्नैशनल लेवल पर सौ से अधिक पदक हासिल किए हैं। स्पोर्ट्स कॉलेज में तमाम अत्याधुनिक उपकरण और सुविधाएँ मौजूद हैं, जिसे देखकर भारतीय युवा काफ़ी प्रभावित हुए।
रास्ट्रीय सेवा योजना के डाइरेक्टर श्री कमल कर इस दल को लीड कर रहे है
यह दौरा दोनों देशों युवाओं के लिए एक-दूसरे की तकनीक, संस्कृति और विकास के अनुभव को सीखने के साथ-साथ अपने देश के विकास में ऊर्जा और प्रतिभा को लगाने का एक बड़ा मौक़ा है। क्योंकि जब भी परिवर्तन की बात आती है, तब युवाओं के कंधों पर ज़िम्मेदारी स्वतः आ जाती है। भारत इन उभरती हुई युवा शक्ति को देश के नव निर्माण में लगाना चाहता है। उसी दिशा में, विभिन्न देशों के बीच इस तरह के युवा आदान-प्रदान का कार्यक्रम होते रहना चाहिए।
यहाँ बता दें कि दो सौ युवाओं के दल युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के तरफ से चीन यात्रा पर हैI




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